70 दिनों में आलू की खेती से किसानों को मिल रही है शानदार मुनाफा, 2550 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा भाव
काला बलुआ क्षेत्र के किसानों के अनुसार आलू की फसल केवल 70 दिनों में तैयार हो जाती है। शंकर कुमार का कहना है कि आलू की खेती कम समय में तैयार होने वाली फसलों में से एक है जो किसानों को जल्दी मुनाफा देने में मदद करती है। आलू हर घर की जरूरत है इसलिए इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
Potato cultivation: बिहार के अररिया जिले के काला बलुआ और कचहरी बलुआ इलाके के किसान इस समय आलू की खेती से अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। यहां के किसान बड़े पैमाने पर आलू की खेती करते हैं और इस साल उन्हें आलू की खेती से उम्मीद से ज्यादा मुनाफा हो रहा है। किसान शंकर कुमार ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ जमीन पर आलू की फसल लगाई थी जिसमें से 150 क्विंटल से अधिक उत्पादन हुआ है।
आलू की फसल कम समय में तैयार
काला बलुआ क्षेत्र के किसानों के अनुसार आलू की फसल केवल 70 दिनों में तैयार हो जाती है। शंकर कुमार का कहना है कि आलू की खेती कम समय में तैयार होने वाली फसलों में से एक है जो किसानों को जल्दी मुनाफा देने में मदद करती है। आलू हर घर की जरूरत है इसलिए इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। यही कारण है कि स्थानीय व्यापारी खेतों में आकर सीधे किसानों से आलू खरीद लेते हैं।
बीज मंगवाने में लगती है मेहनत
किसानों ने बताया कि वे हर साल बाहर से उच्च गुणवत्ता वाले आलू के बीज मंगवाते हैं। इन बीजों से तैयार फसल का उत्पादन अच्छा होता है और बाजार में इसकी मांग भी अधिक रहती है। किसानों के मुताबिक आलू की खेती मेहनत और सूझबूझ के साथ की जाती है जिससे उन्हें बेहतर नतीजे मिलते हैं।
इस साल आलू के भाव में बढ़ोतरी
किसान शंकर कुमार ने बताया कि इस बार आलू के दाम किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहे हैं। वर्तमान में आलू की कीमत 2550 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही है जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि इस भाव के हिसाब से प्रति एकड़ खेती से एक लाख रुपये से अधिक की कमाई हो रही है।
कम लागत में ज्यादा फायदा
किसानों के मुताबिक आलू की खेती में प्रति एकड़ 50,000 से 60,000 रुपये तक की लागत आती है। इसमें बीज, खाद, पानी और मजदूरी का खर्च शामिल है। लेकिन इस लागत के मुकाबले इस बार किसानों को दोगुने से अधिक मुनाफा मिल रहा है। एक किसान ने बताया, “इस सीजन में आलू की खेती ने उम्मीद से ज्यादा आय दी है।”
व्यापारियों की सीधी खरीद
स्थानीय व्यापारी खेतों में आकर सीधे आलू खरीद रहे हैं। इससे किसानों को अतिरिक्त परिवहन और बाजार की झंझट से मुक्ति मिलती है। व्यापारी खेत से ही आलू ले जाकर बाजार में बेचते हैं जिससे किसानों को समय और मेहनत की बचत होती है।
आलू की खेती से बदल रही जिंदगी
काला बलुआ और कचहरी बलुआ के किसानों का कहना है कि आलू की खेती उनके जीवन को बेहतर बना रही है। इस बार के बेहतर भाव ने उनकी उम्मीदों को नई दिशा दी है। कई किसानों ने कहा कि वे अगले सीजन में आलू की खेती का रकबा बढ़ाने की योजना बना रहे हैं ताकि वे और अधिक मुनाफा कमा सकें।
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